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‘हिरासत में मौत’ के मामले में अव्वल गुजरात के राजकोट में पुलिस पिटाई से दलित युवा की मौत

 17 Apr 2024

गुजरात के राजकोट में पुलिस की यातना के चलते एक दलित व्यक्ति हमीर उर्फ गोपाल राठौड़ की मौत का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने गोपाल की मौत का जिम्मेदार स्थानीय पुलिस को बताया है। गौर करने वाली बात है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी)- 2022 के अनुसार गुजरात ‘हिरासत में मौत’ के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर है।



पुलिस द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर मौत - पीड़ित परिवार


अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजकोट की स्थानीय पुलिस ने रविवार देर रात गोपाल को पड़ोसी के विवाद में हस्तक्षेप करने के चलते हिरासत में लिया था। जिसके बाद मंगलवार को एक अस्पताल में गोपाल की मौत की ख़बर सामने आयी। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा पीटने और यातना देने के कारण गोपाल की मौत हुई है। परिवार ने कहा है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी तब तक वे शव नहीं लेंगे।


पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा है कि घटना में शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली गयी है। भार्गव ने दोषियों के ख़िलाफ उचित कार्रवाई करने का भरोसा भी दिलाया है। भार्गव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पुलिस वालो पर आरोप है कि थाने ले जाकर पहले गोपाल को पीटा गया, जिससे वह कोमा में चला गया, नतीजन मंगलवार को अस्पताल ने गोपाल को मृत घोषित कर दिया। भार्गव के अनुसार, गोपाल को पहले से ही गुर्दे और मधुमेह को लेकर कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थी। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का आना बाक़ी।



बीच-बचाव करने गया था गोपाल


गोपाल की पत्नी गीता ने अपनी शिक़ायत में कहा है कि राजू सोलंकी नाम के शख़्स का अपने पड़ोसी के साथ झगड़ा हो गया था। राजू ने गोपाल से कहा कि अगर वह हस्तक्षेप करे तो झगड़े को शांत किया जा सकता है, जिसके बाद गोपाल ने हस्तक्षेप किया, लेकिन पुलिस जैसे ही  मौके पर पहुंची, उसने गोपाल को पीटना शुरू कर दिया, और गोपाल को उठाकर ले गयी। सोमवार को गोपाल को घर वापस लाया गया लेकिन  हालत बेहोशी वाली थी, शरीर में चोट के निशान थे। गोपाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने जाँच के बाद ब्रेन हेमरेज बताया ।

गीता की शिक़ायत पर मालवीय नगर पुलिस थाने में, भारतीय दंड संहिता के तहत धरा 307 (हत्या का प्रयास), और 323 (जानबूझकर चोट पहुंचना) के तहत मामला दर्ज़ कर लिया गया है।


यह एक हत्या है- जिग्नेश मेवाणी

वडगाम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने गोपाल की हत्या को ‘हिरासत में की गयी हत्या’ का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि वैसे भी गुजरात हिरासत में हुई हत्या के मामले में पहले स्थान पर है। मेवाणी ने आईपीएस अधिकारी सुधा पांडे को मामले की जाँच सौंपे जाने की माँग की है।



गुजरात ‘हिरासत में मौत’ के मामले में पहले स्थान पर


राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) की रिपोर्ट 2022 के अनुसार, इस साल देश में कुल 41 मौतें ‘हिरासत में रहते’ हुए हुई हैं। जिनमें से 14 मौतें अकेले गुजरात में हुई हैं। गुजरात ‘हिरासत में मौत’ के मामलों में पुरे देश में पहले स्थान पर है। एनसीआरबी के अनुसार, गुजरात में पिछले सात सालों में दलितों के ख़िलाफ 9,178 मामले दर्ज़ हुए हैं, जोकि पूरे देश में दूसरे स्थान पर रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश 15,368 मामलों के साथ पहले स्थान पर है।